मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि दिसंबर 2024 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति बढ़कर 2.37 प्रतिशत हो गई, जिसकी वजह विनिर्मित उत्पादों में उछाल है, हालांकि खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आई है। नवंबर 2024 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 1.89 प्रतिशत थी। दिसंबर 2023 में यह 0.86 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति नवंबर के 8.63 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 8.47 प्रतिशत हो गई। सब्जियों की मुद्रास्फीति नवंबर के 28.57 प्रतिशत के मुकाबले 28.65 प्रतिशत रही। आलू की मुद्रास्फीति 93.20 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही और प्याज की मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 16.81 प्रतिशत हो गई। खाद्य पदार्थों में दिसंबर में अनाज, दालें, गेहूं की मुद्रास्फीति में कमी देखी गई। ईंधन और बिजली श्रेणी में दिसंबर में 3.79 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि नवंबर में 5.83 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति नवंबर में 2 प्रतिशत की तुलना में 2.14 प्रतिशत रही। सोमवार को जारी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चला है कि खाद्य कीमतों में कमी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 4 महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई।