October 12, 2024

प्रदेश के नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की सत्यता को लेकर राज्य निगरानी ब्यूरो एक बार फिर सख्त हो गया है। निगरानी ब्यूरो ने अब अन्य राज्यों से शिक्षा ग्रहण करने वाले शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जानकारी बिहार सरकार को मुहैया कराने का आग्रह किया है। निगरानी को जानकारी – है कि करीब 32 हजार से अधिक नियोजित शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने • बाहर के राज्यों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र बिहार में नियोजन के लिए जमा किए थे। अब प्रमाण पत्रों की सत्यता की परख का काम शुरू किया गया है।

निगरानी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में निगरानी ब्यूरो की ओर से उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजराज और राजस्थान समेत दूसरे राज्यों के मुख्य सचिव और शिक्षा सचिवों को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जारी जांच का हवाला देकर कहा गया है कि निगरानी ब्यूरो ने कोर्ट के आदेश के बाद नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच प्रारंभ की थी। लंबी चली जांच के दौरान अब तक छह लाख प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया है। इनमें दो हजार से अधिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। जिसके बाद बीते नौ वर्षों की जांच में करीब 2560 के खिलाफ 1317 के करीब प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अब तक 1252 शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया है। इसके बावजूद 32,570 प्रमाण पत्रों की जांच महज इस वजह से नहीं हो पाई है, क्योंकि ये प्रमाण पत्र राज्य के बाहर के शैक्षणिक संस्थानों के हैं। पत्र में आग्रह किया गया है कि संबंधित राज्यों की सरकार यदि थोड़ा सहयोग प्रदान करे तो संबंधित प्रमाण पत्रों के असल नकल का सत्यापन हो सकता है। यह तभी संभव है जब संबंधित राज्य डिग्री, डिग्रीधारी का नाम, प्रमणपत्र वास्तव में जारी किए गए या नहीं इसकी पुष्टि करे। सूत्रों की मानें तो राज्यों से जानकारी मिलने के बाद संबंधित 32570 शिक्षकों के भाग्य का फैसला हो जाएगा।

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