राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर चेतावनी दी है कि अगर ब्रिक्स ब्लॉक के देश अमेरिकी डॉलर को बदलने के लिए कोई कदम उठाते हैं, तो वे उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे। ब्रिक्स दस देशों – रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात का एक अंतर-सरकारी संगठन है। सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले ट्रंप ने कहा, “अगर ब्रिक्स देश ऐसा करना चाहते हैं, तो ठीक है, लेकिन हम उनके अमेरिका के साथ व्यापार पर कम से कम 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अगर वे वैश्विक व्यापार में डॉलर के इस्तेमाल को कम करने के बारे में सोचते भी हैं, तो उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जा सकता है। दिसंबर में भी ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा था, “हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपनी बिक्री को अलविदा कहना पड़ेगा।” विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिसंबर में कहा था कि भारत कभी भी डी-डॉलराइजेशन के पक्ष में नहीं रहा है और ब्रिक्स मुद्रा रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आव्रजन पर एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उन्हें कानूनी आव्रजन से कोई दिक्कत नहीं है। ट्रंप ने कहा कि देश को और अधिक कानूनी आव्रजन की आवश्यकता होगी क्योंकि उनकी टैरिफ नीतियों के कारण विनिर्माण का विस्तार होने जा रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे कानूनी आव्रजन से कोई दिक्कत नहीं है। मुझे यह पसंद है। हमें लोगों की जरूरत है और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। हम इसे चाहते हैं।”