October 11, 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की विविधता, पैमाना, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन सभी अद्वितीय हैं और पूरी दुनिया का मानना ​​है कि यह देश 21वीं सदी के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा, “भारत न केवल आज के लिए बल्कि अगले हजार वर्षों के लिए आधार तैयार कर रहा है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का लक्ष्य केवल शीर्ष पर पहुंचना नहीं है, बल्कि इस रैंक को बनाए रखने के लिए खुद को तैयार करना है। प्रधानमंत्री गांधीनगर के महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (री-इनवेस्ट) का उद्घाटन कर रहे थे। तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत की 200 गीगावाट से अधिक स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता की उल्लेखनीय उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने 60 वर्षों के बाद रिकॉर्ड तीसरी बार एक ही सरकार को चुना है। उन्होंने कहा, “भारत की आकांक्षाएं ही सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने का कारण हैं।” उन्होंने 140 करोड़ नागरिकों, युवाओं और महिलाओं के भरोसे और विश्वास पर प्रकाश डाला, जिन्हें विश्वास है कि उनकी आकांक्षाएं इस तीसरे कार्यकाल में नई उड़ान भरेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब, दलित और वंचित वर्ग का मानना ​​है कि सरकार का तीसरा कार्यकाल सम्मानजनक जीवन की गारंटी बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत के 140 करोड़ नागरिक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम कोई अकेला कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के बड़े विजन, मिशन और कार्ययोजना का हिस्सा है। उन्होंने सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में लिए गए निर्णयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सरकार के पहले 100 दिनों के काम से उसकी प्राथमिकताएं उजागर होती हैं और यह उसकी गति और पैमाने को दर्शाता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के तेज विकास के लिए जरूरी सभी क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 100 दिनों में देश के भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि भारत सात करोड़ मकान बनाने की दिशा में अग्रसर है, जो कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है, जबकि उनकी सरकार के पिछले दो कार्यकालों में चार करोड़ मकान लोगों को सौंपे जा चुके हैं।

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