
थाना के दहीभता स्थित दिनकर नगर मुसहरी में रविवार की सुबह शराब पी रहे आधा दर्जन पियक्कड़ अचानक छापेमारी करने पहुंची आबकारी पुलिस को देख बचने के लिए पास के नाले में कूद पड़े। इनमें से एक लहसूना थाना के निसियावां गांव के स्वर्गीय रामभज्जु बिंद के पैंतालीस वर्षीय पुत्र उपेंद्र बिंद की दम घुटने से मौत हो गई। शेष सुरक्षित भाग निकले। पियक्कड़ों को नाले में कूदते देख आबकारी विभाग की टीम आगे दूसरे गांव में छापेमारी के लिए बढ़ गई।
इधर, मृतक के स्वजन व ग्रामीणों ने नाले से शव निकाला और अनुमंडल चौराहा के एनएच 83 स्थित पटना-गया सड़क मार्ग को जाम कर हंगामा करने लगे। इस बीच भीड़ ने कुछ दूर स्थित आबकारी पुलिस के किराए की बैरक पर जमकर पत्थरबाजी की और बैरक के शीशे तोड़ दिए। कुछ उपद्रवियों ने बैरक में खड़ी आबकारी पुलिस की स्कार्पियो में आग लगा दी। सूचना पाकर पुलिस व फायरब्रिगेड की गाड़ी ने बैरक में पहुंचने का प्रयास किया, परंतु अनुमंडल चौराहा के पास सड़क जाम रहने के कारण नहीं पहुंच सकी। नतीजतन स्कार्पियो जलकर नष्ट हो गई। भीड़ का उग्र रवैया देख आसपास की दुकानें बंद कर दी गईं। कई वाहन सवारों से बदसलूकी की गई।
सड़क जाम कर रहे लोगों का आरोप था कि आबकारी पुलिस ने युवक की पिटाई कर नाले में धकेल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। वे आबकारी पुलिस पर हत्या का मुकदमा चलाने, मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग कर रहे थे। जामस्थल पर पहुंचे एसडीपीओ नभ वैभव, बीडीओ प्रभाकर कुमार, सीओ प्रभात रंजन व थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने सरकारी प्रविधान के तहत मुआवजा देने का आश्वासन देकर शव कब्जे में लेकर लोगों को सड़क से हटाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। लगभग चार घंटे की जद्दोजहद के बाद मृतक की पत्नी मालती देवी को आशा कार्यकर्ता की नौकरी देने, तत्काल पारिवारिक लाभ योजना के तहत बीस हजार रुपये मुआवजा देने और बाद में असंगठित श्रमिक दुर्घटना अधिनियम के तहत दो लाख रुपये व आपदा राहत के तहत चार लाख रुपये मुआवजा दिलाने के आश्वासन के बाद स्वजन व ग्रामीण माने और सड़क जाम हटाया।