
पंडारक थाना के ग्याशा शेखपुरा के रहने वाले दो चचेरे भाइयों संजय कुमार तथा रविराज के बीच लेनदेन के विवाद में भारपीट और गोलीबारी हुई थी। घटना मंगलवार की रात को हुई थी। चौकीदार से सूचना पर पंडारक थाने की पुलिस गांव में गई। पुलिस पहुंची तो देखा कि पांच लोग फायरिंग कर रहे हैं। पुलिस को देख भागने लगे। इसके बाद पुलिस ने संजय कुमार तथा रविराज को खदेड़ कर दबोच लिया और थाने ले गई। मौके से खोखा बरामद हुआ। थाना आने के नाद दोनों भाइयों ने एक-दूसरे पर केस करते थे मना कर दिया। हालांकि, गोली चली थी।
इसलिए पुलिस ने अपने बयान पर केस दर्ज कर लिया। बुधवार की सुबह दोनों भाइयों को छुड़ाने के लिए एक राजनीतिक दल से जुड़े मयंक कुमार कुछ लोगों के साथ थाने पहुंचे। ये सभी पुलिस से उलझ गए। सूचना के बाद बाड़ एएसपी रावेश कुमार भी पहुंचे तो उनसे भी उलझ गए। पुलिसकर्मियों से उन लोगों की तीखी नोकझोंक के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की हुई। इसमें तीन पुलिसकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए। जख्मी तीनों पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए पीएचसी पंडारक में भर्ती कराया गया। ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि इस मामले में दोनों भाइयों के अलावा मयंक कुमार और प्रशांत कुमार को जेल भेज दिया गया।
इनपर सरकारी काम में बाध डालने, पुलिस के साथ धक्कामुक्की करने का केस दर्ज किया गया है। थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में इनकी हरकत कैद हो गई है। आरोप- दोनों ने पुलिस के साथ अभद्रता की, धमकी दी पुलिस का आरोप है कि मयंक और उसके साथ आए प्रशांत कुमार ने धमकी देते हुए गाली-गलौज की। थाने में पदस्थापित राकेश दुव, गिरीश गोस्वामी, राहुल कुमार सिंह व अन्य कमी पहुंच गए। इसके बाद दोनों मारपीट करने लगे। इसमें राकेश दुबे, गिरीश गोस्वामी तथा राहुल कुमार सिंह चोटिल हो गए। किसी तरह से दोनों को नियंत्रित किया गया। इधर बुधवार की शाम बाढ़ व्यवहार न्यायालय में पुलिस द्वारा पेशी के लिए लाए जाने के बाद परिजनों और उनके अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि मयंक और उसके साथी का घेरापर हुई फायरिंग मामले में कोई लेना देना नहीं है। वे फसल चोरी की शिकायत पर आए थे। सीसीटीवी फुटेज को देखने से पूरा मामला सामने आ जाएगा। पिछले साल भी हमारे खेत की फसल लूट ली गई थी।