मटिहानी गंगा के कटाव के कारण बलहपुर पंचायत एक का सिंहपुर गांव गंगा में विलीन होने के कगार पर है। गांव के 19 घर गंगा में समाहित हो चुके हैं। किनारे में बने लगभग 15 से 20 घर विलीन होने को हैं। कटाव इतनी तेज है कि शुरुआती 10 घरों के लोगों को अपने घर से एक तिनका भी बाहर निकालने का मौका नहीं मिला। करीब 2000 की आबादी के इस पूरे गांव पर अब गंगा पूरी तरह हावी हो चुकी है। कटाव की रफ्तार को देखते हुए आसपास के 40 घरों को स्थानीय स्तर पर खाली करा लिया गया है।
कुछ कच्चे, कुछ पक्के तो कुछ दो मंजिला आलीशान मकान भी देखते ही देखते गंगा में विलीन हो गए। गांव के लोगों में अब डर इस कदर समा गया है कि लोग अपने घरों का सामान भी निकालने नहीं जा रहे हैं। सिंहपुर के 60 बर्षीय रामनिवास सिंह उर्फ मैज डीलर ने बताया कि उनका गांव दियारा क्षेत्र का पिछड़ा गांव है। हम सब काफी गरीब लोग हैं। मजदूरी नहीं करेंगे तो खाना नसीब नहीं होगा। जिस दिन नहीं कमाते हैं उस दिन नहीं खाते हैं। गांव से लेकर प्रदेश तक मेहनत मजदूरी कर एक-एक तिनका जोड़ा था। कहीं गंगा में न समा जाएं बचे हुए ये मकान भी जागकर रात बिता रहे गांव के लोग सोमवार को साढ़े 12 बजे दिन में जब संवाददाता नाव से सिंहपुर पहुंचा तो गांव के हर वाशिंदे के चेहरे पर डर साफ दिख रहा था।
जिनके घर गंगा में कट कर गिर चुके थे वो निराश थे तो जिनके घर की बारी थी वो सशंकित खड़े होकर अपने घर को देख रहे थे। करीब आधे घंटे में गांव का फुलवारी, मवेशी शेड, नाद और बड़े बड़े पेड़ गंगा में कट कर गिर रहे थे। 5 दिन पहले सब कुछ ठीक था। लेकिन, अब लोग जाग, कर रात बिता रहे हैं। कुछ नौजवान ही गांव में रह रहे हैं। अब नजरों के सामने मकान, दुकान, बाग बगीचा सब गंगा मैया ले जा रही है। देवेन्द्र सिंह, सुबोध कुमार सिंह, रामकिशोर सिंह, मसोमात शैल देवी का पक्का छत का मकान धाराशायी हो गया।