फर्जी आधार कार्ड और वंशावली का सहारा लेकर दो शातिर एडीएम पद से सेवानिवृत्त हुए दिवंगत गजाधर तिवारी के पुत्र बन गए और उनकी 42 बीघा जमीन बेच दी। ये और जमीन बेचते, लेकिन एक खरीदार ने ही दोनों का फर्जीवाड़ा पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। मामला कटिहार के मनसाही अंचल स्थित रामपुर के संतोला का है। सहायक थाना की पुलिस ने दोनों आरोपितों झारखंड के गोड्डा जिले के चिलौना निवासी अवध किशोर और दुमका जिले के दयानंद को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस और ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार दिवंगत गजाधर तिवारी भागलपुर के गोविंदपुर के रहने वाले थे। उनके दो पुत्रों में एक प्रेम प्रकाश तिवारी भागलपुर और दूसरे वेद प्रकाश तिवारी बेंगलुरु में रहते हैं। गोड्डा के अवध किशोर और दुमका के दयानंद ने फर्जी आधार कार्ड और वंशावली का सहारा लेकर प्रेम प्रकाश और वेद प्रकाश तिवारी के रूप में फर्जी पहचान बनाकर मार्च में किसी माफिया के माध्यम से उक्त 42 बीघा जमीन की बिक्री कर दी थी। नौ सितंबर को शेष बची जमीन की बिक्री के लिए दोनों शातिर कटिहार पहुंचे थे।
जमीन के संभावित क्रेताओं को संदेह होने पर उन्होंने स्वर्गीय गजाधर तिवारी के रिश्तेदारों से संपर्क किया। इसके बाद मामला पकड़ में आया। क्रेताओं और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से फर्जी पुत्र अवध किशोर और दयानंद को पकड़कर बानीपुर लाया गया। आरोपित के अन्य साथी फरार हो गए। रिश्तेदारों की सूचना पर पहुंची मनिहारी पुलिस ने दोनों आरोपितो से पूछताछ की, जिसमें पता चला कि भागलपुर के शाहकुंड निवासी रजनीकांत पांडेय ने उन्हें निबंधन के लिए 40 हजार रुपये देकर बुलाया था। दिवंगत गजाधर तिवारी के रिश्तेदार मनिहारी बानीपुर निवासी अशोक कुमार पांडेय की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।