टाटा स्टील ने अपने भारत के लंबी अवधि के विकास रणनीति को फिर से पुष्ट करते हुए अपने देश के व्यवसाय के विस्तार का एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी किया है जिसमें नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (निनल) में ४.८ मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वृद्धि शामिल है, जो इसके स्टील उत्पादन को और बढ़ाने के लिए प्रथम चरण है तथा बड़े निर्माण और रिटेल डिमांड को पूरा करने में मदद करेगा। कंपनी अब महाराष्ट्र में भी अपने उत्पादन और बाजार पहुंच के विस्तार पर काम कर रही है और उसने लॉयड्स मेटल्स और एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि गडचिरोली जिले में लोहे के अयस्क खनन, लॉजिस्टिक्स और पेललेट उत्पादन के संयुक्त अवसरों का पता लगाया जा सके, जिससे यह एक महत्वपूर्ण भविष्य के लोहे के केंद्र के रूप में उभरे।
इन योजनाओं के अतिरिक्त, टाटा स्टील ने थ्रीवेणी पेलट्स प्राइवेट लिमिटेड में ५०.०१% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है, जिससे ओडिशा में पेललेट उत्पादन को मजबूत किया जा सके, और टारापुर, महाराष्ट्र में पहली बार मोटे रोलिंग लाइन तथा उन्नत सुविधाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कंपनी सतत और कम-कार्बन स्टील बनाने वाली तकनीकों में निवेश जारी रखे हुए है और प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए आवश्यक आंतरिक तथा नियामक अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रही है।
