November 21, 2024

पीएम मोदी आज तीन दिवसीय ‘कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन’ को करेंगे। इसमें लगभग 150 भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविद और नीति निर्माता भारत और वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा करेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय के साथ साझेदारी में ‘आर्थिक विकास संस्थान’ द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और प्रधानमंत्री मोदी शाम करीब 6.30 बजे इसमें भाग लेंगे और उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

‘कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन’ का तीसरा संस्करण 4 से 6 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा और इस वर्ष इसका फोकस अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे में सुधार, हरित परिवर्तन के लिए वित्तपोषण, भू-आर्थिक विखंडन और विकास के लिए निहितार्थ, भारत और मध्यम आय का जाल, नौकरियां और कौशल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक नीति डिजाइन, और लचीलापन बनाए रखने के लिए नीति कार्रवाई के सिद्धांतों जैसे विषयों पर है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर सम्‍मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। इसके अलावा भूटान के वित्त मंत्री ल्योनपो लेके दोरजी, प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा, सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के अध्यक्ष एमेरिटस मसूद अहमद, लिक्विडिटी एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी के अध्यक्ष और जलवायु कार्रवाई के लिए वित्त के उच्च स्तरीय पैनल के सह-अध्यक्ष वेरा सोंगवे, पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (बांग्लादेश) के संस्थापक अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी डॉ. जैदी सत्तार, पेकिंग विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यू स्ट्रक्चरल इकोनॉमिक्स के डीन जस्टिन यिफू लिन, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री एरिक बर्गलोफ, प्रशांत आर्थिक सहयोग परिषद के महासचिव एडुआर्डो पेड्रोसा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, विश्व बैंक के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मार्टिन रेजर आदि शामिल हैं। बता दें कि सम्मेलन वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सेतु-निर्माता के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका को भी प्रदर्शित करेगा। सम्मेलन में होने वाली चर्चाएं आईएमएफ और विश्व बैंक की आगामी वार्षिक बैठकों, सीओपी 29 और ब्राजील के जी20 नेताओं के घोषणापत्र के अग्रदूत के रूप में काम करेंगी।

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