भारत के कुल डीमैट खातों में वृद्धि जारी है, अगस्त में चार मिलियन से अधिक नए खाते जोड़े गए।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) के आंकड़ों से पता चला है कि अगस्त में देश में डीमैट खातों की कुल संख्या चार मिलियन से अधिक बढ़कर 171.1 मिलियन हो गई।
अगस्त में रिकॉर्ड आईपीओ से डीमैट की संख्या में वृद्धि हुई। पिछले महीने, 10 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए करीब 17,000 करोड़ रुपये जुटाए।
2024 से हर महीने औसतन चार मिलियन डीमैट खाते जोड़े गए हैं। चालू वर्ष के पहले आठ महीनों में करीब 3.2 करोड़ डीमैट खाते खोले गए हैं। बड़ी संख्या में डीमैट खाते खुलने का कारण इस कैलेंडर वर्ष में नए आईपीओ भी हैं।
2024 की शुरुआत से लेकर 31 अगस्त तक 50 से अधिक कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 53,419 करोड़ रुपये जुटाए हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि बड़ी संख्या में निवेशक सिर्फ आईपीओ में भाग लेने के लिए डीमैट खाते खोल रहे हैं। अध्ययन में बताया गया कि अप्रैल 2021 से दिसंबर 2023 तक आईपीओ आवेदनों के लिए इस्तेमाल किए गए लगभग आधे डीमैट महामारी के बाद खोले गए। शेयर बाजार ने 2024 में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इस साल की शुरुआत से निफ्टी में करीब 15 फीसदी और पिछले एक साल में 27 फीसदी की तेजी आई है। इस साल की शुरुआत से सेंसेक्स में 13 फीसदी और पिछले एक साल में 24 फीसदी की तेजी आई है। भारतीय शेयर बाजार में तेजी की वजह अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।