सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में नामांकन कराने के फर्जीवाड़ा रैकेट का मास्टरमाइंड कोटी निवासी निशांत सिंह उर्फ नितांत को रविवार की देर शाम सदर थाना के गोब्बरसही से गिरफ्तार किया गया। उसने आकाशवाणी पटना और रांची दूरदर्शन केंद्र में कार्यरत दो अफसरों से उनकी पुत्री का एमबीबीएस में नामांकन कराने के नाम पर 37 लाख रुपये की ठगी की थी। इसको लेकर आकाशवाणी पटना में कार्यरत रांची के ओमप्रकाश झा से 18.41 लाख और इतनी ही राशि रांची दूरदर्शन केंद्र में कार्यरत दिव्य दिवाकर दिनेश से ठगी कर ली थी। 2022 में दोनों को ठगने के बाद निशांत रांची से फरार हो गया था।
काफी प्रयास के बाद भी जब रुपये वापस नहीं किए गए तो कांटी के निशांत सिंह के खिलाफ झारखंड के रांची जिले के जगन्नाथपुर थाना में बीते नौ मई को जगन्नाथपुर थाना इलाके के विकास नगर, सिंह मोड़ स्थित साई कृपा अपार्टमेंट के फ्लैट नं. एक के निवासी ओमप्रकाश झा ने एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया है कि निशांत सिंह से उनका परिचय पटना आकाशवाणी में कार्यरत सहकर्मी दीपक कुमार ने कराया था। रांची पुलिस ने छानबीन में निशांत की नामांकन फर्जीवाड़ा रैकेट में संलिप्तता पाई। उसने ओमप्रकाश झा और दिव्य दिवाकर दिनेश की पुत्रियों का लखनऊ स्थित केजीएमयू में एमबीबीएस में नामांकन कराने का झांसा दिया था। रुपये लेने के बाद वह दोनों को दिलासा देते रहा। अंत में कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण नामांकन नहीं हो पाएगा। इसके बाद रुपये वापस करने के लिए पोस्ट डेटेड चेक दिया, जो बाउंस हो गया।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि जमीयत के जिम्मेदारों ने मुल्क को आबाद करने के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं। हर मोड़ पर देश के लिए बलिदान दिया है। असम के लाखों लोगों को उनका हक दिलाया गया और बुलडोजर मामले में भी आवाज उठाई। वर्तमान सरकार देश के एक बड़े वर्ग को परेशान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट 1995 में बदलाव की जरूरत नहीं है। इससे वक्फ को नुकसान होगा और वक्फ कमेटी की संपत्ति छीन ली जाएगी। जमीयत उलमा बिहार के मौलाना मोहम्मद नाजिम ने कहा कि वक्फ दान की भावना रखने वाले मुसलमानों द्वारा दी गई संपत्ति है, सरकार द्वारा नहीं।