
बाढ़ के गुलाब बाग के रिहायशी इलाके में एक थिनर फैक्ट्री में सोमवार शाम करीब सात बजे भीषण आग लग गई। आग से केमिकल से भरे प्लास्टिक के डुम धमाके के साथ फटने लगे गए। आग की लपटें करीब 200 फीट से अधिक ऊंचाई तक पहुंच गई। इससे वहां अफरातफरी मच गई। आसपास के लोग डर से घरों के निकल खेत में भाग गए। आग की चपेट में आने मजदूर शत्रुघ्न प्रसाद झुलस गया। 70 प्रतिशत झुलसने के कारण उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। घटना के बाद फैक्ट्री संचालक फरार हो गया। अगलगी में लाखों का माल जल गया। फैक्ट्री में आग से बचाव उपाय नहीं किए गए थे। सूचना पर दमकल की 15 गाड़ियों ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद रात 11 बजे आग पर काबू पाया। अगलगी में करीब एक करोड़ की संपत्ति जलने का दावा स्थानीय लोग कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस को स्थानीय लोगों का आक्रोश भी झेलना पड़ा। जिला अग्निशमन पदाधिकार मनोज कुमार नट ने बताया कि एक को छोड़कर अन्य के झुलसने की सूचना नहीं है। आग से कुछ गाड़ियां भी जल गई हैं। आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है।
दरअसल, गुलाबबाग इलाके में एनएच-31 के पास तीन वर्ष से मां दुर्गा कैमिकल फैक्ट्री चल रही है। वहां रसायन से थिनर बनाया जाता है। सोमवार शाम फैक्ट्री में आधा दर्जन मजदूर काम कर रहे थे, तभी अचानक रसायन के एक ड्रम में आग लग गई। आग ने वहां रखे अन्य डूम को अपनी चपेट में ले लिया। ड्रम धमाके के साथ फटने लगे। ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग तेजी से भड़की और इसकी लपटें 200 फीट से भी अधिक ऊंचाई तक पहुंच गई। पूरा इलाका काला धुआं से भर गया। इससे वहां अफरातफरी मच गई।
हैं फैक्ट्री के आसपास कईलोगों के घरः फैक्ट्री के बगल में ही करीब दो दर्जन रिहायशी मकान हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के करीब घंटे बाद दमकल की छोटी गाड़ी पहुंची। उसका पानी तुरंत खत्म हो गया। बाद में अन्य दमकल की मदद से कर्मी आग बुझाने में जुट गए। आग की भयावहता को देखते हुए पटना, नालंदा और लखीसराय से भी दमकल मौके पर बुला गई, लेकिन रसायन में आग पर पानी का ज्यादा प्रभाव नहीं हो पा रहा था। बाद में फोम वाली दमकल पहुंची और आग पर काबू पाया। उधर, घटना के बाद रसायन से लदे दो टैंकर और 10 ड्रम बाहर निकाले गए, जबकि दो टैंकर जल गए। लोगों ने प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोपः लोगों ने बताया कि रसायन की फैक्ट्री का संचालन के बावजूद वहां आग से बचाव के इंतजाम नहीं थे। यदि उपकरण होते तो शुरुआत में ही आग पर काबू पाया जा सकता था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पूर्व में रिहायशी इलाके में फैक्ट्री चलाने की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आग की इस घटना ने प्रशासन और दमकल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। इतनी बड़ी घटना के बावजूद दो घंटे बाद तक कोई भी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। स्थानीय लोगों ने इस फैक्ट्री में अवैध कारोबार करने का भी आरोप लगाया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आग पर पूरी तरहनियंत्रण के बाद मामले की पड़ताल की जा रही है। फैक्ट्री मालिक की तलाश जारी है। दस्तावेजों की जांच के बाद उस पर कार्रवाई होगी।