विश्व मानवाधिकार दिवस पर राज्य संगठन की ओर से तुलसी भवन में कार्यक्रम का आयोन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी पूरबी घोष ने कहा कि आज भी गांव में शिक्षा का अभाव है. यदि बच्चे स्कूल जा रहे हैं तो वे मिड डे मील की लालच में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं. महिलाओं के साथ भी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता के साथ समाज को भी जागरुक होने की जरूरत है। राज्य मानवाधिकार संगठन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डा. जयराम दास ने सभी सदस्य को अपना कर्तव्य व अधिकार के प्रति जागरूकता का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में मानवाधिकार आयोग का कोई अध्यक्ष अभी नहीं है।
इसके लिए लोगों का अधिकार का जो उल्लंघन हो रहा इसका शिकायत का कोई समाधान नहीं हो रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष नियुक्त करने का अनुरोध किया. इस मौके पर मुख्य अतिथि पूरबी घोष ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य का सम्मान से जीने का अधिकार है, जिसमें मुख्य है राइट टू एजुकेशन. किसी भी देश के विकास के लिए शिक्षा जरूरी है., लेकिन आज भी गांव में शिक्षा का अभाव है। बच्चे मिड डे मील के लिए स्कूल जाते हैं. लोगों के रहने का मकान नहीं है, चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है. आज का समाज में नशा व आत्महत्या एक भयावह रूप के रहा. उन्होंने कहा कि पूरे देश को साइबर क्राइम की घटनाओं ने झकझोर कर रख दिया है. इन समस्याओं का समाधान के लिए सिर्फ सरकार नहीं आमलोगों को भी जागरुक होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि किन्नर भी भगवान का सृष्टि है.उन्हें भी जीने का हक है1 पढऩे का हक है लेकिन उनलोगों को न रहने का कोई घर है न आर्थिक मदद मिलता है. उन सब को भी मुख्य धारा से जोडऩा हैद्व लिंग भेद नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एकजुट होकर समाज को तथा देश को आगे बढ़ाने का दायित्व हम सब को लेना होगा. कार्यक्रम का संचालन रवीन्द्र कुमार व धन्यवाद ज्ञापन अवतार आलम खान ने किया. इस मौके पर सुब्रत, साईं प्रसाद, रवीन्द कुमार, सुधा पाठक, सीताराम राजू, राजीव कुमार सिंह, विनीता सिंह, प्रवीण सिंह, सुब्रत आदि मौजूद थे।
