
पटना जंक्शन परिसर में स्थित पावर हाउस के पास रखे केबल में मंगलवार की शाम अचानक भीषण आग लग गई। इससे केबल के बंडल धू-धूकर जलने लगा। इसे देख वहां अफरातफरी मंच गई। अग्निशमन की छह गाड़ियां वहां पहुंच गई और आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। आग लगने से रेलवे के 14 बंडल केबल राख हो गये। दरअसल, जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर स्थित जीआरपी बैरक के पीछे रेलवे का पावर हाउस है। इसके पास रेलवे का 50 से अधिक केबल का बड़ा-बड़ा बेडल है। मंगलवार की शाम करीब 6.15 बजे अचानक केबल में आग लग गई। पहले लोगों को लगा कि कोई वहां कबाड़ को जला रहा है। इसके बाद आग धीरे-धीरे उग्र रूप धारण करने लगी। वहां मौजूद कुछ लोगों ने तुरंत इसकी जानकारी आरपीएफ और जो आरपी को दी। इसके बाद कोतवाली थाना और अग्निशमन विभाग को दी गई। पटना जंक्शन पर आग लगने की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस के साथ ही अग्निशमन विभाग की छह गाड़िया वहां पहुंच गई। तब तक आग विकराल रूप ले चुका था। अग्निशमन विभाग की टीम ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पालिया। इस संबंध में लोदीपुर दमकल केंद्र का प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि आग कैसे लगी, इसकी जांच कीजा रही है। जानमाल की क्षति नहीं हुई है। रेलवे कर्मियों के मुताबिक लाखों रुपये के केबल जला हुआ है।
नशेड़ियों और स्मैक पीने वालों पर आग लगाने का शकः केबल में आग लगने की जांच रेलवे के अधिकारी करेंगे, लेकिन आग बुझनेके बाद जब अग्निश्मन विभाग के अधिकारी और कुछ रेलवे कर्मी अंदर पहुंचे तो वहां सिगरेट और माचिस के कई खाली डिब्बे गिरे हुए थे। इससे नशेड़ियों और स्मैक पीने वालों पर केबल में आग लगाने की शंका जताई जा रही है। हालांकि वहां आसपास में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। फुटेज की जांच की जाएगी।
पटना जंक्शन की सुरक्षा पर लगा प्रश्नचिह्नः पटना जंक्शन परिसर में अचानक आग लगने से वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। सुरक्षा के लिए आरपीएफ औरजीआरपी के जवानों को लगाया गया है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे हैं। बावजूद रेलवे परिसर में बैठकर गांजा, स्मैक, शराब पीने वालों पर रोक नहीं लग पा रही है। रेल कर्मियों ने बताया कि एक साल पहले भी यहां आग लगी थी। उस समय एक स्मैक पीने वाले को पकड़ा गया था। हालांकि पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक अरुण कुमार ने बताया कि आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा।