सुजलॉन एनर्जी के शेयर शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 6 प्रतिशत तक गिरकर 57.56 रुपये के स्तर पर आ गए। यह गिरावट कंपनी के सितंबर तिमाही के नतीजे जारी होने के बाद देखने को मिली। हालांकि ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल ने कंपनी पर बुलिश नजरिया जताते हुए इसका टारगेट प्राइस 66 रुपये से बढ़ाकर 70 रुपये कर दिया है।
ब्रोकरेज फर्मों की राय
JM फाइनेंशियल ने कहा, “ग्रिड कनेक्टिविटी, भूमि और राइट-ऑफ-वे (RoW) जैसी अड़चनें विंड एनर्जी सेगमेंट के विस्तार में बड़ी बाधा बनी रहेंगी। हमें उम्मीद है कि सुजलॉन FY28 के बाद ग्रोथ मोमेंटम बनाए रखने में संघर्ष कर सकती है।” ब्रोकरेज के मुताबिक, कंपनी FY26/FY27/FY28 में क्रमशः 2.5 GW / 3.1 GW / 3.5 GW इंस्टॉलेशन कर सकती है, और इसी आधार पर उसने इस शेयर को ‘BUY’ रेटिंग के साथ 70 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है।
मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी सुजलॉन एनर्जी के लिए FY26 के अनुमान 8% बढ़ाए हैं, और कहा कि वे FY26 में 2.5 GW और FY27 में 3.4 GW डिलीवरी मानकर चल रहे हैं। हालांकि, उन्होंने वैल्यूएशन मल्टीपल 35x से घटाकर 30x किया है, लेकिन ‘BUY’ रेटिंग के साथ 74 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है।
वहीं, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि कंपनी FY28 के बाद 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त DTA निर्माण करेगी। ब्रोकरेज ने कहा, “हमने अपने मॉडल में इस DTA को शामिल किया है और इस पर ‘HOLD’ रेटिंग के साथ 66 रुपये का टारगेट प्राइस बरकरार रखा है।”
शेयरों का हाल
कंपनी ने मंगलवार को अपने नतीजे जारी किए थे, जिसके बाद से इसके शेयर 61.05 रुपये से गिरकर 57.56 रुपये तक आ गए हैं। इसका मार्केट कैप 80,000 करोड़ रुपये के नीचे फिसल गया है। हालांकि, पिछले एक महीने में शेयर में 8% की बढ़त दर्ज की गई है, लेकिन पिछले एक साल में यह 13% नीचे आया है। फिर भी, पिछले पांच सालों में शेयर ने लगभग 2,050% का शानदार रिटर्न दिया है।
