
भारतीय महिला टीम की उप कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पिछले छह साल में महिला क्रिकेट के लिए काफी काम किया है और पुरुषों की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तर्ज पर शुरू हुई महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) निश्चित रूप से युवा खिलाड़ियों को सशक्त कर रही है। मंधाना की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने डब्ल्यूपीएल खिताब अपनी झोली में डाला था जो आरसीबी की कैबिनेट में एकमात्र ट्रॉफी है। महाराष्ट्र के सांगली जिले की इस स्टार क्रिकेटर का कहना है कि अभी तो डब्ल्यूपीएल के तीन चरण ही खेले गए हैं लेकिन इसका असर घरेलू क्रिकेट और लड़कियों पर साफ दिखने लगा है।
उन्होंने कहा,19 टीम की खिलाड़ियों में बड़ा बदलाव आया है, उन्हें इतनी सारी चीजें पता हैं जो हम अपने दिनों में नहीं जानते थे। इसलिये लीग के आने से काफी विकास हुआ है। अब टीवी पर भी महिला क्रिकेट का प्रसारण होता है, सब भारतीय महिला टीम को जानते हैं। बीसीसीआई ने पिछले छह साल में महिला क्रिकेट के लिए बहुत काम किया है।
मंधाना ने दुबई में ‘सिटी क्रिकेट अकादमी’ के लांच के मौके पर चुनिंदा मीडिया से वर्चुअल बातचीत में कहा , ‘‘पिछले तीन वर्षों में डब्ल्यूपीएल किस तरह से आगे बढ़ा है, इसे देखने के लिए कितनी सारी लड़कियां आ रही हैं, आप स्पष्ट बदलाव देख सकते हैं। छोटी छोटी लड़कियां भी हमारे पास आ रही हैं और वे क्रिकेटर बनना चाहती हैं जो बहुत अच्छी चीज है। काफी माता-पिता अपनी बच्चियों को अकादमी में भेज रहे हैं ताकि वे डब्ल्यूपीएल में खेल सकें।
उन्होंने कहा, महिला क्रिकेट अब लोकप्रिय हो रहा है। टी20 क्रिकेट जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए डब्ल्यूपीएल भी दर्शकों का काफी मनोरंजन कर रहा है। डब्ल्यूपीएल उसी तरह काम कर रहा है जैसा आईपीएल ने पुरुष क्रिकेट के लिए किया था। घरेलू क्रिकेट पर भी इसका असर दिख रहा है, लड़कियां डब्ल्यूपीएल खेलकर भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना चाहती हैं।
मंधाना काफी समय से खुद की अकादमी बनाने पर विचार कर रही थीं लेकिन अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण ऐसा नहीं कर पा रही थीं। फिर इस बारे में असम के पूर्व क्रिकेटर और ब्रिटेन में बसे मशहूर कोच डॉन भगवती से भी उनकी बातचीत हुई जिन्होंने लीस्टर में बहुत साल पहले अपनी अकादमी शुरू की थी। अब दुबई के बाद भगवती की योजना भारत में भी इसी तरह की अकादमी शुरू करने की है। अकादमी में युवा प्रतिभाओं को तराशने में डॉन की पत्नी का अनुभव भी काम आता है जो इंग्लैंड की क्रिकेटर रह चुकी हैं।
मंधाना ने इस अकादमी में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में कहा, हम अकादमी में महिला क्रिकेट के विकास पर ध्यान लगाना चाहते थे कि सिर्फ उनके कौशल ही समग्र विकास पर ध्यान दिया जाए। कुछ अकादमियां केवल कौशल पर ध्यान लगाती हैं लेकिन हम चाहते हैं कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हों। इसमें खेल विज्ञान सहित पोषण का भी ध्यान रखा जाए इसलिए पोषण विशेषज्ञ भी होंगे। समय मिलने पर मंधाना भी अकादमी में बच्चों को क्रिकेट की बारीकियां बताएंगी। लेकिन भारत में सितंबर में होने वाले महिला विश्व कप की तैयारियों के लिए उनका कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल भारत में ही महिला विश्व कप होगा तो समय नहीं मिलेगा। लेकिन दो तीन दिन का भी समय मिले तो अकादमी में बच्चों को समय दूंगी और उनसे क्रिकेट का ज्ञान साझा करूंगी। मंधाना 27 अप्रैल से शुरू होने वाली भारत की आगामी वनडे त्रिकोणीय श्रृंखला में खेलेंगी।