जिले में गिरियक प्रखंड के ईसापुर प्राथमिक विद्यालय के एक कमरे की छत का हिस्सा भरभराकर गिर गया। जिससे मलबे में दबकर आधा दर्जन से अधिक बच्चे जख्मी हो गए। एक बच्चे को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया।
हादसे में अंकुश, सत्या, आयुषी, सोनाली, सुहानी, विक्की व अन्य जख्मी हो गए हैं। सत्या को न्यूरो फिजिशियन से इलाज करवाने के लिए पटना भेजा गया है।
एक बच्ची का हाथ टूटा है। कइयों के सिर में गंभीर चोट लगी है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो कक्षा में पढ़ाई चल रही थी। इसी दौरान तेज आवाज के साथ छत का एक हिस्सा बच्चों पर टूटकर गिर गया। सूचना पाते ही ग्रामीण भी जमा हो गये। उनकी मदद से शिक्षकों ने बच्चों को इलाज के लिए भेजा। ग्रामीणों की मानें तो इससे कुछ महीने पहले भी, छत का एक टुकड़ा गिरा था। हादसे में स्कूल के एक शिक्षक बाल-बाल बच गये थे। यह भवन काफी पुराना और जर्जर है। कई बार इसकी मरम्मत की मांग की गई है। – समय रहते मरम्मत होती तो यह हादसा नहीं होता।
हेडमास्टर जितेन्द्र कुमार ने बताया कि जर्जर भवन के बारे में विभाग को बता दिया गया था। पावापुरी मेडिकल कॉलेज पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े अस्पतालों में गिना जाता है। इसके बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। यहां आधा दर्जन बच्चों को खुले आसमान के नीचे बेंच पर बैठा दिया गया। एक ही स्टैंड में आधा दर्जन स्लाइन की बोतलें लटकाकर बच्चों को लगा दी गयीं। देखने वाले लोगों की भीड़ लग गयी। बच्चों के परिजन पास में खड़े होकर बेबसी से सब देख रहे थे। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है।
