
पटना में कोरोना की दस्तक के बाद अब इसके मामलों में हल्की बढ़ोतरी होती दिख रही है. सोमवार को पटना एम्स के एक जूनियर डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये. सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि संबंधित पीजी डॉक्टर के लक्षण के आधार पर जब कोरोना की जांच हुई, तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली. संबंधित डॉक्टर एम्स के पीजी हॉस्पिटल में रह कर पढ़ाई करते हैं. हालांकि, इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक है।
डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है. दूसरी ओर सिविल सर्जन ने बताया कि रविवार को जिन दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, उनमें एक मरीज का इलाज अस्पताल में चल रहा है. वहीं, दूसरे मरीज को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. तीनों मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.एक डॉक्टर के कोविड पॉजिटिव होने के बाद अब एम्स प्रशासन ने संस्थान परिसर को अलर्ट कर दिया गया है. संबंधित डॉक्टर के संपर्क में रहने वाले अन्य डॉक्टर, हॉस्टल के कर्मचारी आदि सभी की कोरोना जांच कराने कहा गया है. दूसरी ओर सिविल सर्जन की टीम अगमकुआं स्थित कर्मचारी के सरकारी आवास पहुंची और करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की जांच के लिए सूची बनायी. सिविल सर्जन डॉ अविनाश सिंह ने कहा कि कोरोना के मामले पूरी तरह से खत्म होने के कारण जांच बंद की कर दी गयी थी. अगले पांच दिनों में कोरोना की जांच शुरू कर दी जायेगी।
कोरोना को लेकर सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में है. सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमे सभी जिलों को किसी भी संभावित परिस्थिति से निबटने के लिए तैयार रहने को कहा गया. हालांकि, अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना के नये वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है. बैठक में राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं अधीक्षक, साथ ही एम्स, आइजीआइएमएस, आरएमआरआइ, इएसआइसी बिहटा के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।