एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) ने प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन अलकायदा से जुड़े एक बेहद संवेदनशील मामले में बिहार में सीवान समेत राज्यों के 9 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। सोमवार – की सुबह से शुरू हुई यह राष्ट्रव्यापी छापेमारी देर शाम तक चलती रही। बिहार के अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी गई। इन स्थानों पर छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, टैब समेत अन्य डिजिटल उपकरण के अलावा बैंकिंग लेनदेन से जुड़े कागजात और अन्य कई संवेदनशील दस्तावेज जब्त किए गए हैं। फिलहाल इनकी जांच जारी है। यह कार्रवाई बांग्लादेश से ताल्लुक रखने वाले आतंकी संगठन अलकायदा से किसी न किसी रूप में जुड़े चिन्हित लोगों को लेकर की गई है।
इस संगठन के नेटवर्क से जुड़े मॉड्यूल का खुलासा कुछ समय पहले एनआईए की जांच में हुआ था। इसके बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी इस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। इस मामले में पहली बार छापेमारी 2023 में देश में कई स्थानों पर की गई थी। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक कट्टरपंथियों की गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में 5 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ पहली चार्जशीट भी एनआईए दिल्ली स्थित कोर्ट में दायर कर चुकी है। इनमें चार आतंकी मो. सोजिबमियां, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजारुल इस्लाम उर्फ जहांगीर या आकाश खान एवं अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनूल अंसारी बांग्लादेशी नागरिक हैं।
जबकि पांचवां फरीद भारतीय नागरिक है। वास्तविक पहचान छिपाने का आरोप जांच में यह पाया गया था कि इन लोगों ने यहां आकर अपनी वास्तविक पहचान छिपाते हुए कई फर्जी दस्तावेज बना लिए थे। इसके बाद से ये लोग छिपे रूप से कट्टरपंथी विचारधारा से यहां से युवाओं को प्रभावित कर अलकायदा के सदस्य बनाने में लगे हुए थे। साथ ही अलकायदा के लिए फंड एकत्र करने में भी जुटे हुए थे। इसी क्रम में इन्होंने यहां के भी कई युवाओं के बैंक खातों का उपयोग करके पैसे का लेनदेन किया था। इसमें कई युवाओं के खातों का उपयोग पाकिस्तान समेत दूसरे बाहरी देशों से पैसे मंगवाने और भेजने के लिए भी किया गया था।