December 26, 2024

जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि वक्फ इस्लाम का एक अहम हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कहना कि वक्फ का संविधान में कोई स्थान नहीं है, अनुचित है। कुरानशरीफ और पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षा के अनुसार सदियों से मुसलमान अपनी संपत्तियों को जनकल्याण के लिए वक्फ करते रहे हैं। भारतीय संविधान में नमाज, रोजा, हज, जकात आदि का भी उल्लेख नहीं है, जबकि यह सभी इस्लाम के मूल स्तंभ हैं।

वे जमीयत उलेमा बिहार द्वारा बापू सभागार में रविवार को भारतीय संविधान सुरक्षा एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में बोल रहे थे। वक्फ संशोधन बिल की निंदा करते हुए सभी ने इसे एक स्वर से खारिज किया। मौलाना अरशद मदनी ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एनडीए में शामिल टीडीपी और जदयू खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताती है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्होंने मुसलमानों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए विधेयक का समर्थन नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान हमारा मुल्क है। देश के संविधान ने सभी को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार दिया है।

 सभी धर्म व समाज के लोगों से एकजुट होकर हिंदुस्तान में प्रेम व सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने, संविधान की रक्षा करने की अपील की। उपाध्यक्ष मौलाना सैयद असजद मदनी, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना अशंहद राशिदी, मौलाना बद्र अहमद मुजीबी, पश्चिम बंगाल के मुफ्ती शमसुद्दीन, मौलाना अब्दुल्लाह नासिर कासमी ने अपने विचार रखे।

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