बिहार में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए 18 जिलों की 121 विधानसभा क्षेत्रों के सभी 45,341 बूथों पर चुनाव आयोग की ओर से पटना से दिल्ली तक नजर रखी गई। सुबह 6 बजे ही सभी बूथों से लाइव वेबकास्टिंग शुरू हो गई थी। मॉक पोल के बाद जैसे ही मतदान शुरू हुआ, लाइव कवरेज बिहार के सीईओ कार्यालय में बताये गए कंट्रोल एवं कमांड सेंटर पर दिखने लगा। सभी मतदान कर्मियों ने नियत समय पर कार्य संभाल लिया था।कमांड सेंटर में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को पूरी तरह रोक दिया गया था।
जबकि, कमांड सेंटर के ठीक ऊपर बने राज्यस्तरीय कंट्रोल रूप में फोन, फैक्स और संचार के अन्य माध्यमों से सभी जिलों में मतदान की प्रक्रिया पर नजर रखी जा रही थी। जैसे ही कोई शिकायत मिलती अधिकारी तुरंत संबंधित निर्वाची पदाधिकारी या जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को निर्देश दे रहे थे। सुबह 9 बजे तक पहले दो घंटे के मतदान प्रतिशत को वोटर टर्न आउट एप पर अपलोड करने की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद यह कार्य दिनभर जारी रहा। 11 बजे के करीब कंट्रोल रूम को जानकारी मिली कि करीब 500 स्थानों पर मोबाइल एप से लिंक नहीं जुड़ पाने से परेशानी हो रही है।
ऐसे में सभी जिलों से सूचना प्राप्त करने वाले कर्मियों को संबंधित जिलों के निर्वाची पदाधिकारी को फिर से एप अपलोड कर सूचनाएं भेजने का निर्देश दिया गया। राज्यस्तरीय नियंत्रण कक्ष में खुद बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अमित पांडेय, प्रशांत सीएच, माधव कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।पुलिस मुख्यालय की पल-पल की घटनाओं पर रही नजर छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर बिहार के 18 जिलों में विधानसभा चुनाव का पहला चरण शांतिपूर्ण रहा। सरदार पटेल भवन स्थित बिहार पुलिस मुख्यालय से डीजीपी विनय कुमार सहित मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी तमाम जिलों से पल-पल की सूचना लेते रहे। चुनाव से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई को लेकर जिला पुलिस कंट्रोल रूम को लगातार सक्रिय रखा गया। मुख्यालय स्थित डीजीपी कंट्रोल रूम से जिला कंट्रोल रूम पर निगरानी रखी गयी।
