
पटना जंक्शन पर कोटा-पटना एक्सप्रेस से अगवा किये गये छह माह के मासूम आर्यन उर्फ देवांश राज को रेल पुलिस ने नालंदा से सकुशल बरामद कर लिया. साथ ही अगवा करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य को पकड़ने के लिए रेल पुलिस नालंदा व नवादा में लगातार छापेमारी कर रही है. बताया जाता है कि देवांश को गायब करने के बाद मानव तस्करों ने उसे दो लाख रुपये में बेच दिया था. इसके बाद उसे फिर से बेचने की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान नालंदा में रेल पुलिस ने छापेमारी की और देवांश को बरामद कर लिया. साथ ही उसकी मां रेणु देवी को भी बरामदगी की जानकारी दे दी है. देवांश के गायब होने के बाद उसकी मां रेणु कुमाली के बयान पर पटना जंक्शन जीआरपी में 24 अगस्त को केस दर्ज किया गया था. मध्यप्रदेश से कोटा-पटना एक्सप्रेस से आयी थी पटना जंक्शन: महिला रेणु
देवी मूल रूप से औरंगाबाद के उपहारा के बचोर के हमीदनगर की रहने वाली है. लेकिन, उसकी शादी पांच मई, 2024 को रोहतास के डेहरी निवासी प्रेमचंद चौधरी से हुई थी. लेकिन, पति की मृत्यु तीन-चार माह पहले एक्सीडेंट में हो गयी थी. पति का सारा परिवार मध्यप्रदेश के रामगढ़ में रहता है. रेणु अपने छह माह के बेटे आर्यन उर्फ देवांश राज को लेकर कोटा पटना एक्सप्रेस की सामान्य बोगी से 22 अगस्त को पटना जंक्शन पहुंची. घटना के बाद रेल एसपी एएस ठाकुर ने पटना जंक्शन जीआरपी इंचार्ज राजेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर दिया, साथ ही सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की, तो अपहरण करने वाले बदमाश की तस्वीर हाथ लग गयी. साथ ही यह जानकारी मिली कि अपहरणकर्ता के साथ एक महिला भी थी, जो दानापुर स्टेशन पर उतरी है. इसके उसके साथ ही एक 20-25 वर्ष का युवक भी कोटा से ही सफर कर रहा था और बच्चे को खेला रहा था और प्यार जता रहा था. इसी दौरान ट्रेन पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-10 पर पहुंची. रेणु देवी को वॉशरूम जाने की इच्छा हुई. उसने यह बात साथ में सफर कर रहे युवक को बताया. युवक ने कहा कि आप वॉशरूम चले जाइए और बच्चे को मुझे दे दीजिए, रेणु देवी बाद महिला की पहचान की गयी और उसके मोबाइल नंबर की जानकारी ले ली।
लेकिन, महिला भूमिगत हो गयी. हालांकि, महिला के फोन का जब सीडीआर निकाला गया, तो यह पता चल गया कि उसने किन-किन लोगों से बात की थी. इसके बाद पुलिस ने यूपी में छापेमारी की. उसके बाद नालंदा में रेल पुलिस को सफलता मिल गयी। ने विश्वास कर बच्चे को उसके हवाले कर दिया और खुद प्लेटफॉर्म नंबर-10 पर स्थित वेटिंग हॉल के वॉशरूम में चली गयी. इसके बाद वह जब ट्रेन में लौटी, तो युवक बच्चे को लेकर जा चुका था. काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्चे के संबंध में जानकारी नहीं मिली, तो रेणु देवी ने 24 अगस्त जीआरपी पटना जंक्शन को मामले की जानकारी दी थी।